पाए नए व्हात्सप्प हिंदी स्टेटस, शायरी, स्लोगन्स और भारतीय त्योहारों के मैसेज, फ़ोटो और शुभकामनाएं सन्देश वो भी अपनी मनपसंद भाषा हिंदी में.

Monday, February 10, 2020

Beautiful Jhansi Ki Rani Poetry in Hindi

Jhansi Ki Rani Poetry :- झाँसी की रानी हिंदी भाषा की कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखी गयी एक कविता है। Jhansi ki Rani Poetry , Jhansi Ki Rani Kavita का विषय 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाली, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई और उनके द्वारा अंग्रेजों के साथ लड़ा गया युद्ध है।

 वीर रस की यह कविता स्वतंत्रता आंदोलन में प्रेरणास्रोत बनी और मंच से पाठ, प्रभात-फेरियों में गाये जाने इत्यादि के अलावा अब भी विभिन्न राज्यों के विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल है jhansi ki rani kavita एक वीर रस की कविता है जो उस दौर में लिखी गयी जब हिंदी भाषा के साहित्य में छायावाद मुखर था।कविता तत्कालीन बुंदेली लोकगीत को आधार बना कर लिखी गयी थी  और इसे भारतीय राष्ट्रवाद की हिंदी साहित्य में सबल अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है। इसे कवयित्री द्वारा झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के प्रति एक श्रद्धांजलि के रूप में भी देखा जाता है।


Jhansi Ki Rani Poetry and Kavita

Jhansi Ki Rani



1.सिंहासन हिल उठे राजवंषों ने भृकुटी तनी थी,बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फिरंगी को करने की सब ने मन में ठनी थी.चमक उठी सन सत्तावन में, यह तलवार पुरानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.



2.कानपुर के नाना की मुह बोली बहन छब्बिली थी,लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वो संतान अकेली थी,नाना के सॅंग पढ़ती थी वो नाना के सॅंग खेली थीबरछी, ढाल, कृपाण, कटारी, उसकी यही सहेली थी.वीर शिवाजी की गाथाएँ उसकी याद ज़बानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

Jhansi ki rani kavita images, jhansi ki rani poetry images, Jhansi ki Rani Quotes, jhansi ki rani lakshmibai Quotes


3.लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वो स्वयं वीरता की अवतार,देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,नकली युध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना यह थे उसके प्रिय खिलवाड़.महाराष्‍ट्रा-कुल-देवी उसकी भी आराध्या भवानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


4.हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में,ब्याह हुआ बन आई रानी लक्ष्मी बाई झाँसी में,राजमहल में बाजी बधाई खुशियाँ छायी झाँसी में,सुघत बुंडेलों की विरूदावली-सी वो आई झाँसी में.चित्रा ने अर्जुन को पाया, शिव से मिली भवानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

Jhansi Ki Rani Poetry

5.उदित हुआ सौभाग्या, मुदित महलों में उजियली च्छाई,किंतु कालगती चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई,तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई,रानी विधवा हुई है, विधि को भी नहीं दया आई.निसंतान मारे राजाजी, रानी शोक-सामानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


6.बुझा दीप झाँसी का तब डॅल्लूसियी मान में हरसाया,ऱाज्य हड़प करने का यह उसने अच्छा अवसर पाया,फ़ौरन फौज भेज दुर्ग पर अपना झंडा फेहराया,लावारिस का वारिस बनकर ब्रिटिश राज झाँसी आया.अश्रुपुर्णा रानी ने देखा झाँसी हुई वीरानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


7.अनुनय विनय नहीं सुनती है, विकट शासकों की मॅयैया,व्यापारी बन दया चाहता था जब वा भारत आया,डल्हौसि ने पैर पसारे, अब तो पलट गयी कायाराजाओं नव्वाबों को भी उसने पैरों ठुकराया.रानी दासी बनी, बनी यह दासी अब महारानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


8.छीनी राजधानी दिल्ली की, लखनऊ छीना बातों-बात,क़ैद पेशवा था बिठुर में, हुआ नागपुर का भी घाट,ऊदैपुर, तंजोर, सतारा, कर्नाटक की कौन बिसात?जबकि सिंध, पंजाब ब्रह्म पर अभी हुआ था वज्र-निपात.बंगाले, मद्रास आदि की भी तो वही कहानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

Jhansi Ki Rani Poetry
9.रानी रोई रनवासों में, बेगम गुम सी थी बेज़ार,उनके गहने कपड़े बिकते थे कलकत्ते के बाज़ार,सरे आम नीलाम छपते थे अँग्रेज़ों के अख़बार,"नागपुर के ज़ेवर ले लो, लखनऊ के लो नौलख हार".यों पर्दे की इज़्ज़त परदेसी के हाथ बीकानी थीबुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


10.कुटियों में भी विषम वेदना, महलों में आहत अपमान,वीर सैनिकों के मान में था अपने पुरखों का अभिमान,नाना धूंधूपंत पेशवा जूटा रहा था सब सामान,बहिन छबीली ने रण-चंडी का कर दिया प्रकट आहवान.हुआ यज्ञा प्रारंभ उन्हे तो सोई ज्योति जगानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


11.महलों ने दी आग, झोंपड़ी ने ज्वाला सुलगाई थी,यह स्वतंत्रता की चिंगारी अंतरतम से आई थी,झाँसी चेती, दिल्ली चेती, लखनऊ लपटें छाई थी,मेरठ, कानपुर, पटना ने भारी धूम मचाई थी,जबलपुर, कोल्हापुर, में भी कुछ हलचल उकसानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

Jhansi ki rani kavita images, jhansi ki rani poetry images, Jhansi ki Rani Quotes, jhansi ki rani lakshmibai Quotes

12.इस स्वतंत्रता महायज्ञ में काई वीरवर आए काम,नाना धूंधूपंत, तांतिया, चतुर अज़ीमुल्ला सरनाम,अहमदशाह मौलवी, ठाकुर कुंवर सिंह, सैनिक अभिराम,भारत के इतिहास गगन में अमर रहेंगे जिनके नाम.लेकिन आज जुर्म कहलाती उनकी जो क़ुर्बानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


13.इनकी गाथा छोड़, चले हम झाँसी के मैदानों में,जहाँ खड़ी है लक्ष्मीबाई मर्द बनी मर्दनों में,लेफ्टिनेंट वॉकर आ पहुँचा, आगे बड़ा जवानों में,रानी ने तलवार खींच ली, हुआ द्वंद्ध आसमानों में.ज़ख़्मी होकर वॉकर भागा, उसे अजब हैरानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


14.रानी बढ़ी कालपी आई, कर सौ मील निरंतर पार,घोड़ा थक कर गिरा भूमि पर, गया स्वर्ग तत्काल सिधार,यमुना तट पर अँग्रेज़ों ने फिर खाई रानी से हार,विजयी रानी आगे चल दी, किया ग्वालियर पर अधिकार.अँग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

Jhansi ki rani kavita images, jhansi ki rani poetry images, Jhansi ki Rani Quotes, jhansi ki rani lakshmibai Quotes

15.विजय मिली, पर अँग्रेज़ों की फिर सेना घिर आई थी,अबके जनरल स्मिथ सम्मुख था, उसने मुंहकी खाई थी,काना और मंदरा सखियाँ रानी के संग आई थी,यूद्ध क्षेत्र में ऊन दोनो ने भारी मार मचाई थी.पर पीछे ह्यूरोज़ आ गया, हाय! घिरी अब रानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

Jhansi Ki Rani Poetry
16.तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार,किंतु सामने नाला आया, था वो संकट विषम अपार,घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये अवार,रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार.घायल होकर गिरी सिंहनी, उसे वीर गति पानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.


17.रानी गयी सिधार चिता अब उसकी दिव्य सवारी थी,मिला तेज से तेज, तेज की वो सच्ची अधिकारी थी,अभी उम्र कुल तेईस की थी, मनुज नहीं अवतारी थी,हमको जीवित करने आई बन स्वतंत्रता-नारी थी,दिखा गयी पथ, सीखा गयी हमको जो सीख सिखानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

Jhansi ki rani kavita images, jhansi ki rani poetry images, Jhansi ki Rani Quotes, jhansi ki rani lakshmibai Quotes


18.जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी,यह तेरा बलिदान जागावेगा स्वतंत्रता अविनासी,होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फाँसी,हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी.तेरा स्मारक तू ही होगी, तू खुद अमिट निशानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.





Final words:-
नमस्कर दोस्तों आप सबको हमारी पोस्ट Jhansi Ki Rani Poetry पढ़ने के लिए धन्यवाद हमारी पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर करना ना भूले इसी तरह की अच्छी अच्छी Post पाने के लिए हमारी वेबसाइट www.akadstatus.com से जुड़े रहे

No comments:

Post a Comment