अर्ज़ किया है रोमांटिक शायरी | Arz kiya hai shayari :- चिंतन अवधारणाओं, संकल्पनाओं, निर्णयों तथा सिद्धांतो आदि में वस्तुगत जगत को परावर्तित करने वाली संक्रिया है जो विभिन्न समस्याओं के समाधान से जुड़ी हुई है। चिंतन विशेष रूप से संगठित भूतद्रव्य-मस्तिष्क- की उच्चतम उपज है। चिंतन का संबंध केवल जैविक विकासक्रम से ही नहीं अपितु सामाजिक विकास से भी है। चिंतन का उद्भव लोगों के उत्पादन कार्यकलाप की प्रक्रिया के दौरान होता है और वह यथार्थ का व्यवहृत परावर्तन सुनिश्चित करता है। अपने विशिष्ट मूल, क्रियाकलाप के ढंग और परिणामों की दृष्टि से उसका स्वरूप सामाजिक होता है। इसकी पुष्टि इस बात में है कि चिंतन श्रम तथा वाणी के कार्यकलाप से, जो केवल मानव समाज की अभिलाक्षणकताएं हैं, अविच्छेद्य रूप में जुड़ा हुआ है। इसी कारण मनुष्य का चिंतन वाणी के साथ घनिष्ठ रखते हुए मूर्त रूप ग्रहण करता है और उसका परिणाम भाषा के रूप में व्यक्त होता है।
अर्ज़ किया है रोमांटिक शायरी | Arz kiya hai shayari
Arz kiya hai Yoon To Ek Thikana Mera Bhi Hai... Ai Sanam,
Par Tere Bina Main Gumashuda Sa Mahasoos Karta Hoon.
अर्ज़ किया है यूँ तो एक ठिकाना मेरा भी है... ए सनम,
पर तेरे बिना मैं गुमशुदा सा महसूस करता हूँ।
Arz kiya hai
Tum Mile To Mahasoos Ye Hua Mujhe,
Ye Umr Mohabbat Ke Liye Bahut Kam Hai.
अर्ज़ किया है तुम मिले तो महसूस ये हुआ मुझे,
ये उम्र मोहब्बत के लिए बहुत कम है।
Arz kiya hai Mahasoos Ho Rahi Hai Hava Me Usaki Khushabu,
Lagta Hai Meri Yaad Me Wo Saanse Le Rahi Hai.
अर्ज़ किया है रोमांटिक शायरी | Arz kiya hai shayari
अर्ज़ किया है महसूस हो रही है हवा मे उसकी खुशबु,
लगता है मेरी याद मे वो सांसे ले रही है।
Arz kiya hai Meri #Fhitrat Mein Nahin Apna Gam Bayan Karna,
Agar Tere Vajood Ka Hissa Hoon To Mahasoos Kar.
अर्ज़ किया है मेरी #फितरत में नहीं अपना गम बयां करना,
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर।
Arz kiya hai Meri Aankhon Mein Chhupi Udasi Ko Mahasoos To Kar
Ham Vahan Hain Jo Sab Ko Hansa Kar Raat Bhar Rote Hain.
अर्ज़ किया है मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं।
Arz kiya hai Ruk Ja-E-Waqt Thahar Jaaye Saasen Meri,
Apne Sanam Ko Mahasoos Kar Loon Kuchh Pal Ke Liye.
अर्ज़ किया है रुक जा ए वक़्त ठहर जाये सासें मेरी,
अपने सनम को महसूस कर लूँ कुछ पल के लिए।
अर्ज़ किया है रोमांटिक शायरी | Arz kiya hai shayari
Arz kiya hai Ishq Mahasoos Karna Bhi Ibadat Se Kam Nahin,
Zara Bataiye ....Khuda Ko Kisne Dekha Hai?
अर्ज़ किया है इश्क़ महसूस करना भी इबादत से कम नहीं,
ज़रा बताइये ....खुदा को किसने देखा है?
Arz kiya hai Badi Mushkil Se Bana Hoon Toot Jaane Ke Baad,
Main Aaj Bhi Ro Deta Hoon Hansne Ke Baad,
Tujh Se Mohabbat Thi Mujhe Beintha Lekin,
Aksar Ye #Mahasoos Hua Tere Jane Ke Baad.
अर्ज़ किया है बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ हँसने के बाद,
तुझ से मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये #महसूस हुआ तेरे जाने के बाद।
Arz kiya hai #Mahasoos Kar Rahen Hain
Teri Laparavaahiyaan Kuchh Dinon Se,
Soch Lo Agar Ham Badal Gaye To
Manaana Tere Bas Kee Nahin.
अर्ज़ किया है #महसूस कर रहें हैं
तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से,
सोच लो अगर हम बदल गये तो
मनाना तेरे बस की नहीं।
Arz kiya hai Bas Tere Hone Se Mili Meri Dhadkanon Ko Zindagi,
Tere Bina Ab Saans Loon Mere Liye Mumakin Nahin,
Mahasoos Ye Hota Hai Too Mere Liye Hai Jaruri Hai,
Tere Bina Lamhen Chalen Ab To Ye Bhi Mumakin Nahin.
अर्ज़ किया है बस तेरे होने से मिली मेरी धडकनों को जिंदगी,
तेरे बिना अब सांस लूँ मेरे लिए मुमकिन नहीं,
महसूस ये होता है तू मेरे लिए है जरुरी है,
तेरे बिना लम्हें चलें अब तो ये भी मुमकिन नहीं।
Arz kiya hai Suna Hai Hamne Bhi Ummid Pe Jeeta Hai Jamana,
Kya Kare Woh, Jiski Koi Ummid Hi Na Ho.
अर्ज़ किया है सुना है हमने भी उम्मीद पे जीता है जमाना,
क्या करे वो जिसकी कोई उम्मीद ही न हो।
अर्ज़ किया है रोमांटिक शायरी | Arz kiya hai shayari
Arz kiya hai Tha Yakeen Mujhe Bhi Ki Bhool Jaoge Tum,
Khushi Hai Ki Tum Ummid Par Khare Utre.
अर्ज़ किया है था यकीं मुझे भी कि भूल जाओगे तुम,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे।
Arz kiya hai Is Dil Ki Ummidon Ka Hausla To Dekho Dosto,
Intzaar Bhi Usaka Hai Jise Mera Ehsaas Tak Nahin.
अर्ज़ किया है इस दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो दोस्तो,
इंतज़ार भी उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं।
Arz kiya hai Hajaro Ummiden Bandhti Hain, Ek Nigaah Par,
Mujhako Na Aise Pyaar Se... Dekha Kare Koi.
अर्ज़ किया है हजारो उम्मीदें बंधती हैं, एक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से... देखा करे कोई।
Arz kiya hai Pata Hai Main Hamesha Khush Kyon Rahta Hoon ? Kyuki Main
Khud Ke Siva Kisi Se Koi Ummid Nahin Rakhta.
अर्ज़ किया है पता है मैं हमेशा खुश क्यों रहता हूँ ? क्योंकि मैं
खुद के सिवा किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता।
Arz kiya hai Door Ho Ke Tumase Zindagi Saza Si Lagti Hai,
Yah Saanse Bhi Jaise Mujhse Naraaj Si Lagti Hain,
Sihir Uthta Hoon Main Dard Ke Maare,
Zakhmon Ko Jab Tere Shahar Ki Hava Lagti Hai,
Agar Ummeed-E-Vafa Karoon To Kis Se Karoon,
Mujh Ko To Meri Zindagi Bhi Bewafa Lagti Hai.
अर्ज़ किया है दूर हो के तुमसे ज़िंदगी सज़ा सी लगती है,
यह साँसे भी जैसे मुझसे नाराज सी लगती हैं,
सिहिर उठता हूँ मैं दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है,
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।
Arz kiya hai Abhi Tak Hai Uske Laut Ke Aane Ki Ummid,
Abhi Tak Thahri Hai Zindagi Apni Jagah,
Laakh Ye Chaaha Ki Use Bhool Jaoon Par,
Haunsle Apni Jagah Bebasi Apni Jagah.
अर्ज़ किया है अभी तक है उसके लौट के आने की उम्मीद,
अभी तक ठहरी है ज़िंदगी अपनी जगह,
लाख ये चाहा कि उसे भूल जाऊं पर,
हौंसले अपनी जगह बेबसी अपनी जगह।
Arz kiya hai Beete Dinon Ki Bhooli Huyi Baat Ki Tarah,
Aankhon Mein Jaagta Hai Koi Raat Ki Tarah,
Usse Ummid Thi Ki Nibhaega Saath Wo,
Wo Bhi Badal Gaya Mere Halaat Ki Tarah.
अर्ज़ किया है रोमांटिक शायरी | Arz kiya hai shayari
अर्ज़ किया है बीते दिनों की भूली हुई बात की तरह,
आँखों में जागता है कोई रात की तरह,
उससे उम्मीद थी की निभाएगा साथ वो,
वो भी बदल गया मेरे हालात की तरह।
Final words:- नमस्कर दोस्तों आप सबको हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद हमारी अर्ज़ किया है रोमांटिक शायरी | Arz kiya hai shayari अच्छी लगे तो शेयर करना ना भूले इसी तरह की अच्छी अच्छी Post पाने के लिए हमारी वेबसाइट akadstatus.com से जुड़े रहे
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